Black Dahilah Case: अमेरिका का सबसे चर्चित अनसुलझा मर्डर मिस्ट्री
15 जनवरी 1947 को अमेरिका के लॉस एन्जलेस में एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। ब्लैक दाहिला केस (Black Dahlia Case) अब तक के सबसे चर्चित और रहस्यमय मर्डर केस में से एक है, जिसे आज तक सुलझाया नहीं जा सका है। यह कहानी है एक युवा लड़की की, जिसका सपना था हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री बनने का, लेकिन उसकी जिंदगी का अंत कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी को सकते में डाल दिया।
ब्लैक दाहिला केस: शुरुआती जानकारी
15 जनवरी की सुबह, जब बेट्टी बरसिंगर (Betty Bersinger) अपनी तीन साल की बेटी के साथ जूते मरम्मत की दुकान पर जा रही थीं, तब उन्होंने एक अजीब-सी सफेद चीज फुटपाथ से थोड़ी दूरी पर देखी। पहले उन्होंने उसे कोई पुतला समझा, लेकिन जब वह पास गईं, तो उनके होश उड़ गए। वह कोई पुतला नहीं, बल्कि एक लड़की की नग्न लाश थी। शरीर को कमर से दो भागों में काटा गया था और मुंह के दोनों किनारों से कान तक चीरा लगा था, मानो एक “स्माइली फेस” बनाने की कोशिश की गई हो।
डेड बॉडी के आसपास एक बूंद खून भी नहीं था, जिसका साफ मतलब था कि खून किसी दूसरी जगह किया गया और बाद में बॉडी को वहां लाकर फेंका गया।
एलिजाबेथ शार्ट: कौन थी ब्लैक दाहिला?
पुलिस और FBI ने तुरंत जांच शुरू की। कुछ ही घंटों में पता चल गया कि मारी गई महिला का नाम एलिजाबेथ शार्ट (Elizabeth Short) था। एलिजाबेथ का जन्म बोस्टन में हुआ था और वह अपने माता-पिता की पांच बेटियों में से तीसरे नंबर पर थी। उसके पिता नौसेना के लिए गोल्फ कोर्स बनाते थे, लेकिन 1929 की आर्थिक मंदी के दौरान उनका काम बंद हो गया।
एलिजाबेथ का बचपन मुश्किलों में गुजरा, लेकिन उसके सपने बड़े थे। उसे हॉलीवुड की चमक-दमक बहुत आकर्षित करती थी और वह एक मशहूर अभिनेत्री बनना चाहती थी।
कैसे हुआ मर्डर?
जांच में पता चला कि एलिजाबेथ की हत्या 10 से 12 घंटे पहले की गई थी। मौत का कारण मस्तिष्क में अंदरूनी रक्तस्राव था। उसके शरीर पर काफ़ी प्रताड़ना के निशान थे। हत्यारे ने उसकी बॉडी से सारा खून निकाल दिया था और फिर उसे कई बार पानी से धोया गया था। यह हत्या बेहद क्रूरता से की गई थी और उसके शरीर के कई हिस्सों से मास के टुकड़े भी काटे गए थे।
डॉक्टर्स ने यह भी पाया कि मुँह से कान तक का चीरा तब लगाया गया था जब एलिजाबेथ अभी जिंदा थी। यह मामला और भी भयावह हो गया जब यह पता चला कि बॉडी को इतनी सफाई से काटा गया था कि यह काम कोई मेडिकल प्रोफेशनल ही कर सकता था।
ब्लैक दाहिला नाम कैसे पड़ा?
जब यह मामला मीडिया में आया, तो एलिजाबेथ शार्ट को मीडिया ने “ब्लैक दाहिला” नाम दिया। कुछ लोग मानते हैं कि यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि एलिजाबेथ अक्सर काले कपड़े पहनती थी और अपने बालों में “दाहिला” नामक फूल लगाती थी। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि यह नाम 1946 में आई एक फिल्म “ब्लू दाहिला” से प्रेरित था।
जांच और सबूत
इस केस की जांच में पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सैकड़ों लोगों से पूछताछ की गई और कई लोग खुद ही पुलिस के पास जाकर यह दावा करने लगे कि उन्होंने ही ब्लैक दाहिला की हत्या की है। हालांकि, पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला।
इसके बाद एक समाचार एजेंसी को एक गुमनाम फोन आया, जिसमें कॉलर ने खुद को एलिजाबेथ का हत्यारा बताया। उसने पत्रकारों की रिपोर्टिंग की तारीफ की और कहा कि तीन दिनों के अंदर उन्हें एक पार्सल मिलेगा जिसमें ब्लैक दाहिला से जुड़े कुछ दस्तावेज होंगे।
तीसरे दिन, वास्तव में एक पार्सल आया जिसमें एलिजाबेथ के जन्म प्रमाण पत्र, आईडी कार्ड और कुछ तस्वीरें थीं। साथ ही, उस पार्सल में समाचार पत्रों की कटिंग भी थी जिसमें ब्लैक दाहिला की खबरें छपी थीं।
क्यों सुलझ नहीं पाया यह केस?
आज तक यह मर्डर केस सुलझ नहीं पाया है। हत्या की क्रूरता और जटिलता के कारण पुलिस के लिए यह एक चुनौती बना रहा। समय के साथ, यह केस अमेरिका के इतिहास का सबसे रहस्यमयी और चर्चित अनसुलझा मर्डर केस बन गया।
ब्लैक दाहिला केस में इतने सबूत होने के बावजूद, एलिजाबेथ शार्ट के हत्यारे को कभी पकड़ा नहीं जा सका। यह केस आज भी रहस्य बना हुआ है और दुनिया भर के अपराध शास्त्रियों और जांचकर्ताओं के लिए पहेली बना हुआ है।